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साथ कहना दे दो विचित्र सृष्टि करें शुभ कर्म आज़ादी प्रार्थना कि दे दो प्रभु पर श्रद्धा पैर लगे सद्व्यवहार भटक सकूं न उधार आसान पहली गरल-पीयूष एक सागर से मोहब्बत दे दो

Hindi सद्बुद्धि और सद्वृत्ति दे दो Poems